श्रृंखला
शुक्रवार, 24 जून 2011
कृषक
सच तो यह है कि--
बेचारा किसान बहाता है;
अपना पसीना और खून |
पैदा करता है अनाज ;
फिर भी वह ------
भूखे पेट सो जाता है |
लगता है कि-----
शायद वह धरती मां का
सौतेला बेटा है |
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