हम विदा की इस घडी को,कह रहे क्यों अलविदा।
शेष जीवन सामने जब,दिख रहा हम पर फ़िदा।
दे रहा कुछ मधुर यादें, जो भी तुम्हे सौगात में।
खो न जाएँ अब कहीं ,इस मोह के अवसाद में।
रोकना मुमकिन नहीं है,बहते पवन को मार्ग में।
चल नहीं सकता कदाचित,छाया बनकर साथ में।
केवल इतना ही याद रखना,हम न कभी होंगे जुदा।
हम विदा की इस घडी को, कह रहे क्यों अलविदा।
विगत यादें ही बहुत हैं, अब पुनर्स्मृति के लिए।
मन का वातायन खुला है, आगे तूफां के लिए।
आस का दीपक जलाना,ताकि सुख से हम जियें।
इक प्रेरणा की बस अपेक्षा, शेष जीवन के लिए।
इस जुदाई की असह्य पीड़ा,को अब कर दो विदा।
हम विदा की इस घडी को,कह रहे क्यों अलविदा।
यादों के दीपक जलाकर,अब मैं करूंगा अर्चना।
वक्त के बीते क्षणों की,जब भी,करूंगा कल्पना।
बस यही जीवन रहेगा, अरु यही इक कामना
जिन्दगी के मोड़ पर, शायद कभी हो सामना।
तुम सदैव आगे ही बढ़ना, हमको दे करके विदा।
हम विदा की इस घडी को,कह रहे क्यों अलविदा।
शेष जीवन सामने जब,दिख रहा हम पर फ़िदा।
दे रहा कुछ मधुर यादें, जो भी तुम्हे सौगात में।
खो न जाएँ अब कहीं ,इस मोह के अवसाद में।
रोकना मुमकिन नहीं है,बहते पवन को मार्ग में।
चल नहीं सकता कदाचित,छाया बनकर साथ में।
केवल इतना ही याद रखना,हम न कभी होंगे जुदा।
हम विदा की इस घडी को, कह रहे क्यों अलविदा।
विगत यादें ही बहुत हैं, अब पुनर्स्मृति के लिए।
मन का वातायन खुला है, आगे तूफां के लिए।
आस का दीपक जलाना,ताकि सुख से हम जियें।
इक प्रेरणा की बस अपेक्षा, शेष जीवन के लिए।
इस जुदाई की असह्य पीड़ा,को अब कर दो विदा।
हम विदा की इस घडी को,कह रहे क्यों अलविदा।
यादों के दीपक जलाकर,अब मैं करूंगा अर्चना।
वक्त के बीते क्षणों की,जब भी,करूंगा कल्पना।
बस यही जीवन रहेगा, अरु यही इक कामना
जिन्दगी के मोड़ पर, शायद कभी हो सामना।
तुम सदैव आगे ही बढ़ना, हमको दे करके विदा।
हम विदा की इस घडी को,कह रहे क्यों अलविदा।