श्रृंखला
शुक्रवार, 24 जून 2011
मेरा अतीत
मैं --------?
नंगे पैरों का-
वह छाला हूँ;
जिसने--
अपना तन छेदकर,
मरूस्थलों की प्यास बुझायी |
और अब मै------
गहरे श्याल समुंदर की;
सघन सतहों से-
यादों के श्वेत मोती
चुन रहा हूँ |
मेरा अतीत क्या---?
वास्तव में
एक टूटी माला है |
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