बहुत याद आई तेरी बेवफाई।
जमाना था वह भी जो तू हौले हौले ,
मेरे कानों में मीठे रस घोलती थी।
मेरी आरजू ही थी तेरी हर तमन्ना,
निगाहें सदा बस तुझे खोजती थी।
तुझे दर्द दिल की दवा मान करके ,
खा करके चोटें उम्र सारी बिताई।--- बहुत याद आई
नजरों से ओझल हो साये भी जिनके ,
क्यों आहट उन्हीं की है पड़ती सुनाई।
चाहत की मंजिल को छूने के पहले ,
सौगात में मिल गयी क्यों जुदाई।
प्रतीक्षित नयन मेरे प्यासे के प्यासे ,
सुनाएँ कहाँ तक समय की सचाई। ---बहुत याद आई --
भुला बैठा था सरे गम जिन्दगी के ,
जब से मेरी जिन्दगी तुम बनी हो।
चलता रहा जिन्दगी के सफर पर ,
हर मोड़ पर लगता तुम ही खड़ी हो।
हकीकत को सपना कहने के पहले ,
आखिर मुझे मिल गयी रुसवाई। --बहुत याद आई --
जमाना था वह भी जो तू हौले हौले ,
मेरे कानों में मीठे रस घोलती थी।
मेरी आरजू ही थी तेरी हर तमन्ना,
निगाहें सदा बस तुझे खोजती थी।
तुझे दर्द दिल की दवा मान करके ,
खा करके चोटें उम्र सारी बिताई।--- बहुत याद आई
नजरों से ओझल हो साये भी जिनके ,
क्यों आहट उन्हीं की है पड़ती सुनाई।
चाहत की मंजिल को छूने के पहले ,
सौगात में मिल गयी क्यों जुदाई।
प्रतीक्षित नयन मेरे प्यासे के प्यासे ,
सुनाएँ कहाँ तक समय की सचाई। ---बहुत याद आई --
भुला बैठा था सरे गम जिन्दगी के ,
जब से मेरी जिन्दगी तुम बनी हो।
चलता रहा जिन्दगी के सफर पर ,
हर मोड़ पर लगता तुम ही खड़ी हो।
हकीकत को सपना कहने के पहले ,
आखिर मुझे मिल गयी रुसवाई। --बहुत याद आई --