आया अब त्यौहार ख़ुशी का हम खेलेंगे होली |
देखें तो हम भी कैसे यह होती आँख मिचौली ||
अंग -अंग में मदन समा गयो नयनों में मधुशाला |
ओंठो पर खुशियों की थिरकन गले-गले जनमाला ||
कण -कण की खुशियों से कोई पूँछ रहा मतवाला |
कहाँ गयी वह नवल- मधुरिमा वासन्ती मधुबाला ||
सब तो हैं मदमस्त देखकर बासंती की डोली |
आया है त्यौहार ख़ुशी का हम खेलेंगे होली ||
उड़े गुलाल अबीर के संग संग रंगों की पड़े फुहार कहीं |
ढोल ,मजीरे ,झांझ की ध्वनि से गूँज रहा है फाग कहीं ||
अलबेली तिरछी चितवन से कर देती है संकेत वहीं |
चलो भिगो ले तन- मन दोनों मौसम का अंदाज़ यही ||
शोर मचाये गली गली राधाकृष्ण की जोड़ी |
आया है त्यौहार ख़ुशी का हम खेलेंगे होली ||
प्रेम रंग यूँ घोल- घोलकर तन पर ऐसे डालेंगे |
कभी न छूटे रंगों की पिचकारी ऐसी मारेंगे ||
आते जाते हर राही से दुआ यही हम मांगेगे |
बुरा ना मानो यह होली है गीत यही हम गायेंगे ||
घूम रही हर द्वार द्वार पर इन रंगों की टोली |
आया है त्यौहार ख़ुशी का हम खेलेंगे होली ||
मधुर बन गये अब जीवन के रंग बिरंगे सपने |
इन रंगों से उन सबको हम चले ख़ुशी से रंगने ||
गले मिलेंगे हम उन सबसे जो भी होंगे अपने |
गा गा करके खुशिया बांटेगे जो भी पाए हमने ||
छाया है मधुमास चतुर्दिक लेकर मीठी बोली |
आया है त्यौहार ख़ुशी का हम खेलेंगे होली ||
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