उतरना तुम कभी पलकों पर, तज कर सेज ख़्वाबों की|
मुझे आवाज दे देना---- मुझे आवाज दे देना ||
तुम्हारे अंग अंग की खुशबू, हमारी ही विरासत है |
अदाएं इश्क की भी सारी,लग रहीं जैसे इबादत हैं||
तुम्हारी ही प्रतीक्षा में, अब, बहारों की इनायत है |
तुम्हारे मुस्कराहट पर,फिसलने की जो आदत है||
गुजरना जब कभी उन तक,अहमियत ले बहारों की |
मुझे आवाज दे देना---- मुझे आवाज दे देना ||
निगाहें इस तरह मेरी, एकटक हैं देखती उनको |
कोई शबनम ढुलककर,अभी ही जैसे हो फिसली ||
भ्रमर मदहोश हो करके, भुला बैठा है अपने को |
पुष्प रज त्याग बैठी है, ना जाने कब से ये तितली||
तुम्हारे पायलों की ध्वनि, तोड़े नींद जब उनकी |
मुझे आवाज दे देना---- मुझे आवाज दे देना ||
मार्ग बिलकुल नया पाया, अपनी जिन्दगी का यह|
गुजर काँटों से फूलों तक, सफर भी तो नया होगा ||
कभी ओले पड़ेंगे और फिर, कभी अंगार बरसेंगे |
मानता हूँ यह सब तुम, अभी तक ना सहा होगा ||
जरूरत जब कभी समझें, किन्हीं अनजान बाँहों की |
मुझे आवाज दे देना---- मुझे आवाज दे देना ||
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