मिल गयी मुझको सारे जहाँ की ख़ुशी ,
हमसफर बन चले जब तेरे साथ हैं|
चिह्न कदमों के तेरे,अब है मंजिल मेरी,
कोई पतझड़ इसे, अब न उडा पायेगा|
ख्वाब सपने बने, सपने को क्या कहू,
राजे दिल ही हकीकत, सुना जायेगा ||
धरती आकाश सब, हमसफर बन गये,
आज मुझको मिला,अपना सौभाग्य है|
मिल गयी मुझको सारे जहाँ की ख़ुशी ,
हमसफर बन चले , जब तेरे साथ हैं||
"सर्व शिक्षा से पायी हूँ, जो वरदान ऐसा,
देखते देखते मैं ,क्या से क्या बन गयी |
स्वास्थ्य शिक्षा से ,आत्म शक्ति जगायी ,
देखिये आज पैरों पर, मैं खड़ी हो गयी ||
अबला से सबला तक का मेरा सफर,
अब दे गया जैसे जीवन को वरदान है |
मिल गयी मुझको सारे जहाँ की ख़ुशी ,
हमसफर बन चले जब तेरे साथ हैं||
बाल- शिक्षा व महिला के कल्याण की,
योजनायें तो अनेकों देश में चल रही हैं|
स्वच्छता और कुपोषण के सदज्ञान से,
अब देश में दूध की,नदियाँ बह रहीं हैं ||
ग्राम्य पंचायतों की, सुखद छाँव लेकर,
पञ्च परमेश्वर भी तो, अब मेरे साथ हैं |
मिल गयी मुझको सारे,जहाँ की ख़ुशी ,
हमसफर बन चले, जब तेरे साथ हैं ||
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