रविवार, 24 जुलाई 2011

नव वर्ष

मंगलमय  नूतन  वर्ष  तुम्हे,
 मंगलमय जीवन का पथ हो |
   निर्विघ्न रहे वह मार्ग  सदा ,
    जिस पर तेरे उन्नत पग हों ||१|| 

              पावस ऋतु सी मनोकामना, 
               सौरभ बनकर जब महक उठे | 
                 तब जीवन का नव  विकास, 
                   पाकर बसंत मन चहक उठे ||२||

नये वर्ष के नूतन प्रभात में, 
चमके आशा की नई किरण |
 स्नेह- सुधा से  अभिसिंचित ,
  लहराए जीवन का उपवन ||३|| 

                नव प्रभात की नव किरणें,
                 उन्नति के लायें नव सन्देश |
                  सुख व संवृद्धि के आगमन से,
                   अब चहक उठे सारा परिवेश||४||

 सर्वोन्नति का यह दिव्य भाव,
  जब तन मन का उल्लास बने|  
   मेरे गीतों का यह अभिनन्दन,
    अब जीवन का ऋतुराज  बने ||५||

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