मंगलवार, 7 मार्च 2017

कोई तीसरा

मौसम की तरह ,
हम और हमारे अभिमत
बदलते रहते हैं।
कल तक नाज था
जिन्हें अपनी दोस्ती पर ,
वे कैसे हो जाते हैं -
एक दूसरे के विरुद्ध।
यह गिरगिटी बदलाव
क्यों और कैसे आता है।
या कोई तीसरा
उन दोनों को भटकाता है।
विश्वास एवम प्रेम की
परिणति है दोस्ती।
काश दोनों मित्र
किसी तीसरे के षड्यंत्र को,
बेनकाब करते रहें
और हमेशा एक दूसरे की
बाँहों में बांहें डालकर
आगे बढ़ते रहें। 

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