मां
ममता एवं प्यार का
पहला शब्द
जो बालक के मुख से
स्वर बनकर,प्रथम बार
बाहर निकलता है।
मां का पावन शब्द
बछड़े के मुख से भी
स्वतः निकलता है।
मां तो एक एहसास है
जो जीवन को
गति एवं दिशा देता है।
जब कभी हम
मां से दूर होते हैं ,
तो अकेले हो जाते हैं।
इस अकेलेपन में
तलाशते हैं खुशियां।
खुशियां मिल भी जाती हैं ,
किन्तु संरक्षण नहीं ,
ममता नहीं,प्यार नहीं।
अस्तु,मां से जुड़े रहें ,
अपने अस्तित्व के लिए
विकास के लिए
और अपनी खुशियों के लिए।
ममता एवं प्यार का
पहला शब्द
जो बालक के मुख से
स्वर बनकर,प्रथम बार
बाहर निकलता है।
मां का पावन शब्द
बछड़े के मुख से भी
स्वतः निकलता है।
मां तो एक एहसास है
जो जीवन को
गति एवं दिशा देता है।
जब कभी हम
मां से दूर होते हैं ,
तो अकेले हो जाते हैं।
इस अकेलेपन में
तलाशते हैं खुशियां।
खुशियां मिल भी जाती हैं ,
किन्तु संरक्षण नहीं ,
ममता नहीं,प्यार नहीं।
अस्तु,मां से जुड़े रहें ,
अपने अस्तित्व के लिए
विकास के लिए
और अपनी खुशियों के लिए।
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